Part 11
परम श्रधेय पूज्य श्री राधे शक्ति माँ को हाज़िर नाज़ीर मान कर , जो कहूँगा – सच के सिवा कुछ नहीं कहूँगा – सरल कवी
गायक सरदूल सिकंदर ने जोरदार जयकारा लगवाया , “जयकारा मेरी गुडिया जैसी प्यारी ‘राधे माँजी ’ दा….”
“बोल सांचे दरबार की जय !” हॉल में मौजूद संगत ने छत हिला देने वाले बुलंद स्वर में उत्तर दिया |
सरदूल सिकंदर ने अपना गायन समाप्त कर बैठे ने के लिए निचे ताका. मंच संचालक ने माइक लेकर कुछ कहना चाह , तभी शिव चाचा मंच संचालक के निकट पहुंचे | मंच संचालक ने उनका इशारा समझा और माइक उन्हें थमा दिया|
हॉल में सन्नाटा सा छा गया | शिव चाचा के हाव -भाव प्रदशित कर रहे थे की वह कोई महत्त्वपूर्ण सूचना देने वाले थे |
मैंने अपना सर विंडो के ग्रिल से सटा लिया और शिव चाचा की बात सुनाने को सचेत हो गया |
“जयकारा श्री राधे शक्ति माँ जी ’ दा !” शिव चाचा ने सादे मगर धीमे से स्वर में जयकारा लगवाया |
“बोल सांचे दरबार की जय !” अपने दोनों हाथ उठाकर सेवादारो के संग संग संगत ने जयकारा पूरा किया |
“प्रिय माता के पुजारियों !” शिव चाचा गंभीर स्वर में बोले , “पूज्य देवी राधे शक्ति माँ' के दर्शनों के लिए हमने ह़र पंद्रह दिन बाद यानि एक शनिवार छोड़कर अगले शनिवार , यानी महीने में दो दिन निश्चित किये थे | यह सिलसिला पिछले कई सालो से चला आ रहा है | माँ राधे शक्ति माँ की उपासना पूजा अर्चाने करने वालों की संख्या निरंतर बढती जा रही है !”
हॉल में तालिया गूंज उठी |
“हर पंद्रह दिनों बाद यहाँ लगने वाले भक्तो के मेले में आज में हर्ष के साथ चर्चा करना चाहता हूँ | पिछले अनेक दर्शनों वाले दिन हमने पाया है की निरंतर बढती जा रही संगत के कारन हम लोग व्यापक व्यवस्था करने में थोड़ी असुविधा महसूस कर रहे है | असुविधा से मेरा क्या मतलब है, में स्पष्ट करना चाहता हूँ |”
शिव चाचा एक क्षण के लिए रुके |
थोडा ख़ास कर गला साफ़ किया और फिर बात आगे बधाई , “ हमारे तमाम सेवादार , गुप्ता परिवार के सदस्य, गायक मंडली और साजिन्दे , वॉचमेन, और दर्शन के लिए निश्चित शनिवार की सुबह से ही तयारी में जुट जाते है | दूर दराज जैसे की दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, या अन्य प्रांतों से आने वाली संगत सुबह से ही यहाँ पहचानी शुरू हो जाती है | शाम ढलते ही मुंबई तथा आस पास के भक्तो के टोले यहाँ हॉल में एकत्रित होने शुरू हो जाते है | पिचले कई महीनो से ‘देवी माँ ’ के दर्शानोका सिलसिला देर रात तक चलता रहता है | कई बार तो भोर तक हो जाती है |”
सांगत ने करतल ध्वनि से अनुमोदन किया |
“जय माता दी ” शिव चाचाने हात उठाकर शांत रहने का इशारा किया | हॉल में फिर हल्का सा सन्नाटा च गया |
‘अब …” शिव चाचा ने तनिक ऊँचे स्वर में कहा , “ हमने निर्णय लिया है ..की संगत को पंद्रह दिन की बजाय सात दिन के बाद यानिकी प्रत्येक शनिवार को पूज्य श्री राधे शक्ति माँ के दर्शनों का लाभ प्राप्त होगा |”
उपस्थित संगतने हर्षके साथ जो तालिय बजने शुरू की … वो कई देर तक निरंतर बजती रही |
“लेकिन ….” शिव चाचा ने फिर शांती बनाये रखने के लिए हाथ हिलाते हुए कहा , “अब दर्शनों के लिए व्यवस्था में थोडा परिवर्तन किया गया है | आप लोगोको हॉल में प्रवेश करने से पहले प्रत्येक दर्शनार्थी को एक कार्ड दिया गया है |”
अनेक भक्तोने अपना कार्ड हवा में लहराया |
“बिलकुल ठीक !” शिव चाचाने एक उंगली ऊपर की, “अब मेरी बात गौर से सुनिए | ये कार्ड अलग अलग रंग के है | लाल, नीला, और पीला, माता के भक्तो ! हमने व्यवस्था ये की है की अब प्रत्येक शनिवार को एक रंग के कार्ड वाले भगत ही दर्शनों का लाभ प्राप्त कर पाएंगे|”
हॉल में तनिक निराशाजनक “होssss …..” की आवाज सुनाई दी |
“देखिये ! यह व्यवस्था आप लोगो की सुविधा के लिए ही है !” शिव चाचा तनिक जोर देकर बोले , “मसलन हम इस शनिवार को यह घोषणा करेंगे की आनेवाले शनिवार को किस कलर के कार्ड की बारी है ! मान लीजिये नीले रंग वाले कार्ड वालो की घोषणा हुई तो प्लीज़ …. उस दिन नीले रंग वाले कार्ड वाले ही दर्शनो के लिए आये | लाल या पीले रंग के कार्ड वालों को हॉल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिलेगी | उसके अगले शनिवार को नीला और तीसरे शनिवार को पीले रंग के कार्ड वालो को दुर्लभ दर्शन मिलेंगे | यह क्रम ह़र शनिवार को चलेगा |”
हॉल में उपस्थित संगत में से कुछ लोगो ने निराशात्मक भाव से हाथ लहराए |
“में आपकी भावना को समजाता हूँ !” शिव चाचा तनिक खेद भरे स्वर में बोले, “में जानता हूँ आप सभी हर शनिवार को दर्शन के लिए लालाचित है | सज्जनों और देवियों ! में पहले ही निवेदन कर चूका हूँ की यह साड़ी व्यवस्था आप सभी श्रधालुओं की सुविधा के लिए है | आप तनिक हमारे सेवादारों की तरफ भी ध्यान दीजिये| ये सभी सेवादार और सेवादारियां निष्काम भाव से दोपहर से ही व्यवस्था में जुट जाते है | देर रात तक, साड़ी संगत को दर्शन करवाने के बाद इन सबको ‘माँ श्री राधे शक्ति माँ ’ के दर्शन नसीब होते है, तब तक थकान से चूर इन सेवादारोकी हालत देखकर किसीको भी तरस आएगा | ये सेवादार ही क्यों , यहाँ की व्यवस्था सँभालने वाले सभी कार्यकर्ताओं संगमें गुप्ता परिवार के सदस्यों का भी यही हाल होता है | इसलिए आप सभी ‘देवी माँ ’ के भक्तो से मेरी हाथ जोड़कर बिनिती है, प्लीज़ ! प्लीज़ !! आप इस हम सबकी लाभकारी व्यवस्था को कामयाब बनाना में हमारा सहयोग करे | हम लोग शहरभर में लगे होअर्दिंग्स द्वारा सभी को सूचित करेंगे की इस शनिवार किस रंग के कार्ड वाले का नंबर है | इसके अलावा भी आप ‘गौरव कुमारजी या संजीव गुप्ता से मोबाइल पर जानकारी प्राप्त कर सकते है | आप लोगोको यह जानकार भी हर्ष होगा की ‘पूज्य श्री राधे माँ ’ के लाइव दर्शन आप घर बैठे भी प्राप्त कर सकते है | लाखो ‘पूज्य श्री राधे माँ ’ के अन्यन्य भक्त www.globaladvertisers.in वेबसाइट पर लॉग इन करके यह लाभ प्राप्त कर रहे है |
जिन लोगो को कार्ड नहीं मिला वह गौरव कुमारजी या फिर हमारे अन्य सेवादारों से कार्ड प्राप्त कर सकते है |
आईये ! हम फिर माता के भजनों का आनंद ले ! जिक्र मेरी आनंदमई ‘पूज्य श्री राधे शक्ति माँ ’ का ”
“बोल सांचे दरबार की जय …..!” संगत ने उत्साहपूर्वक जिक्र लगाया |
(निरंतर .....)
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